Vishal Raut



 

VISHAL RAUT
विशाल राउत


कविता-संग्रह

  • मैं तेरे लिखे वो पन्नें कैसे जला दू
  • तुम मेरा इंतज़ार करना
  • बात अभी बाकि है
  • तेरी - मेरी कहानी
  • ग़ज़ल-ए-ताहिब
  • एक आश बाकी है
  • कहानी कांटे और कलि की
  • मैंने देखा है
  • गुरू
  • और तुम पुछते हो कसूर ही क्या है
मैं तेरे लिखे वो पन्नें कैसे जला दू


मैं तेरे लिखे वो पन्नें कैसे जला दू


मैं तेरी यादों को दिल से, कैसे भुला दू ,कैसे भुला दू |
मैं तेरे लिखे वो पन्नो को, कैसे जला दू, कैसे जला दू ||

वो मासूम सी बातें ,वो यादे पुरानी |
वो मौसम सुहाना, वो चढ़ती जवानी |
तेरे होंठों पर हसी है, मेरे आँखों में पानी |
मेरे प्यार की बाते, सुन मेरी जुबानी |
मै तुझको भुला दू, या तेरी वफ़ा को |
तेरे दिल की बातें ,सुन मेरी जुबानी |
मैं तेरी यादों को दिल से, कैसे भुला दू ,कैसे भुला दू |
मैं तेरे लिखे वो पन्नो को ,कैसे जला दू ,कैसे जला दू ||

वो पल्लू के पीछे, तेरा मुस्कुराना |
वो रह चलते ,तेरा साथ छोड़ जाना |
वो किस्से पुराने, वो बातें पुरानी |
मै अदना सा राजा ,तू परियो की रानी |
अब यारो से कहता हूँ ,झूठी कहानी |
जो गुजरी है मुझपर ,है वो सबको बतानी |
तेरे प्यार में मैं खुद को भुला दू, या दुनिया भुला दू |
मै तेरे लिखे वो पन्नें, कैसे जला दू, कैसे जला दू ||

© Vishal Raut

तुम मेरा इंतज़ार करना
बात अभी बाकि है
तेरी - मेरी कहानी
ग़ज़ल-ए-ताहिब
एक आश बाकी है
कहानी कांटे और कलि की
मैंने देखा है
गुरू
और तुम पुछते हो कसूर ही क्या है